नीलोत्पल की कविताएं
नीलोत्पल की कविताएं मानुष जीवन के ताप से भरी कविताएं हैं। जीवन के पकने की गंध जैसे फ़सल पकी हो या
नीलोत्पल की कविताएं मानुष जीवन के ताप से भरी कविताएं हैं। जीवन के पकने की गंध जैसे फ़सल पकी हो या
संजय कुमार शांडिल्य उन कवियों में हैं, जिन्होंने अभी आकार लेना शुरू किया है। हम सभी देख सकते हैं कि ऐेसे
कवि-मित्र जितेन्द्र श्रीवास्तव का साथ लेखन के शुरूआती दौर का साथ है। हम दोनों ने एक-दूसरे के रचनात्मक संघर्ष देखे और
कर्मानन्द आर्य की कविता से मेरा परिचिय सोशल साइट पर हुआ। उनसे बातचीत हुई। पढ़ने के लिए उन्होंने कई कविताएं एक
चालीस का होने के साथ अब बस उन्हें ही युवा कहने का मन करता है, जो वय में मुझसे छोटे हैं।
श्रीकान्त दुबे सुपरिचित कवि-कथाकार और अनुवादक हैं। अभी मंतव्य के प्रवेशांक में उनका मैक्सिको यात्रावृत्तान्त ख़़ूब पढ़ा और सराहा गया है।
कुछ दिन पहले सोनी पांडेय की कविताएं अनुनाद पर पढ़ी गई हैं। इधर हमें उनकी एक नई लम्बी कविता मिली है,
२१ जुलाई को कानपुर में जन्म.कानपुर विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक एवं विधि स्नातक. हिन्दी साहित्य एवं अंग्रेजी साहित्य लेखन
इन नवगीतों के लिए अनुनाद ने रोहित रूसिया से फेसबुक बातचीत में अनुरोध किया था। हम कविता के सभी रूपों की
सोनी पांडेय उन कवियों में हैं, जिनसे मैं फेसबुक पर मिला। वहां उनके बारे में बस इतना जाना कि वे गृहिणी