फकुन्दो कब्राल – अनुवाद तथा प्रस्तुति – यादवेन्द्र
पूरे लैटिन अमेरिका में बेहद सम्मानित 74 वर्षीय लोक गायक और लेखक फकुन्दो कब्राल की पिछले महीने बन्दूकधारी अपराधियों ने दिन
पूरे लैटिन अमेरिका में बेहद सम्मानित 74 वर्षीय लोक गायक और लेखक फकुन्दो कब्राल की पिछले महीने बन्दूकधारी अपराधियों ने दिन
चित्र गूगल से साभार मुझे नहीं पता मैं पहली बार कब रोया था हालांकि मुझे बताया गया कि पैदा होने के
ओख्कर (अखरोट) छूकर देखा तुम्हारा दिल अखरोट के आकार का है जिसे चूमने के बाद पता चला कि अखरोट के नर्म
1. साधो, भ्रष्टन के कंह लाज ! चाल चरित्र चित्र सब चकचक, चौचक चपल समाज कर्नाटक की कुञ्ज गलिन में, किलकत
एक सुखद आश्चर्य की तरह आज याद्वेन्द्र जी का मेल मिला और साथ मे यह कविता..अनुनाद के पाठक ज़रूर इसे पसन्द
विज्ञान के दरवाज़े पर कविता की दस्तक स्वर्गीय रघुवीर सहाय ने आज से करीब बीस साल पहले रिक्शे को केंद्र में रख कर एक
रीसम हेले अफ़्रीकी देश इरीट्रिया के सबसे लोकप्रिय कवि हैं — उनकी लोकप्रियता कविताओं की विषय वस्तु और लोक संस्कारों में
पिछले अक्तूबर में चीन के कुछ इलाकों में तिब्बती भाषा के बोलने लिखने और पढ़ाये जाने पर जब सरकारी पाबन्दी लगा
मेरे विभाग की अत्यन्त वरिष्ठ सहयोगी प्रोफेसर उमा भट्ट की अगुआई में ‘उत्तरा महिला पत्रिका’ काफी सालों से निकल रही है।
बिहार के बक्सर में १९७७ में जन्मे विमलेश त्रिपाठी को हाल ही में 2010 का युवा ज्ञान पीठ पुरुस्कार मिला है. उनकी कवितायेँ,