अदम गोंडवी
थोड़ी ही बच रही हिंदी की समकालीन जनवादी कविता के प्रमुख कवि अदम गोंडवी के दुखद प्रस्थान से अनुनाद शोकसंतप्त है. ***
थोड़ी ही बच रही हिंदी की समकालीन जनवादी कविता के प्रमुख कवि अदम गोंडवी के दुखद प्रस्थान से अनुनाद शोकसंतप्त है. ***
बहुत दिनों बाद किसी उपहार की तरह मनोज कुमार झा की कविताएँ अनुनाद को मिली हैं. युवा हिंदी कविता में बिलकुल
कभी कभी फेसबुक पर भी कुछ कविताएँ अलग अलग कारणों से अपनी ओर ध्यान खींचती हैं. कल्पना पन्त की कविताएँ भी ऐसे
इधर नवभारत टाइम्स का दीपावली अंक आया है। उसमें सम्मिलित यतीन्द्र की एक कविता और उनके कविकर्म पर दो आलोचकीय टिप्पणियां
यादवेंद्र जी अनुनाद के सबसे सक्रिय सदस्य हैं। इधर मेरे कुछ निष्क्रिय होने पर उनके अनुवादों ने ही अनुनाद को सहारा दिया
प्रो रामदयाल मुंडा पिछले दिनों देश की आदिवासी संस्कृति के बड़े विद्वान और पैरोकार 72 वर्षीय प्रो. रामदयाल मुंडा का निधन
( अनुनाद के सभी पाठकों को दीपावली की शुभकामनाएं ) ताल के ह्रदय बले दीप के प्रतिबिम्ब अतिशीतल जैसे भाषा में
यहां मेरे पास सिद्धान्त मोहन तिवारी की तीन कविताएं हैं। बनारस से व्योमेश शुक्ल के बाद एक और प्रतिभा युवा कविता में
स्ट्रेंज फ्रूट पिछली सदी के तीस के दशक में न्यूयार्क स्टेट के एक स्कूल में अंग्रेजी पढ़ाने वाले रूस से भाग
एथेल आइरीन काबवातो जिम्बाब्वे की युवा कवि हैं जिनकी कवितायेँ ब्रिटिश काउन्सिल के सौजन्य से सामने आयीं.कुछ संकलनों में उनकी कवितायेँ