अनुनाद

कविता

मृत्युंजय की कविता

दस साल संसद चलती रही दस सालदस साल चलती रही विधानसभाकंपनियों ने नए किस्म के पिज्जे तैयार कियेपेप्सी और कोक ने

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इरोम शर्मिला की एक कविता

( इरोम शर्मिला…यानि ग्यारह साल से एक काले क़ानून के ख़िलाफ़ अनशन पर बैठी आयरन लेडी…यानि अण्णा हजारे के बरक्स गांधीवाद

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कासिम हद्दाद बहरीन के विद्रोही जनकवि – चयन, अनुवाद और प्रस्तुति: यादवेन्द्र

तैयार हो जाओ,जो सामने दिख रहा है वो इतिहास है 63 वर्षीय कासिम हद्दाद बहरीन के विद्रोही जनकवि माने जाते हैं.स्कूल

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सभ्यता के उजाड़ कोनो में कवितायें बेआवाज़ पड़ी रहती हैं – बसंत त्रिपाठी की दो कविताएं

बेआवाज़ पत्तियों के झरने की आवाज़ की आवाज़ होती है हवा धीमी आवाज़ के साथ बहती है चूजे अण्डों से निकलकर

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