विजेता इतिहास का निर्माण करेंगे और हारे हुए रचेंगे कविता – मलेशियाई कवि जुरीनाह हसन की कविताएं / चयन एवं अनुवाद – यादवेन्द्र
73 वर्षीय जुरीनाह हसन (हनीरुज उपनाम) मलेशिया की सबसे प्रतिष्ठित कवि कथाकारों में शामिल हैं और देश की पहली स्त्री राष्ट्रकवि
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सीमा सिंह की कविताएं प्रेम, प्रतीक्षा, स्वप्न, पीड़ा और इच्छाओं के अछोर विस्तार में खड़ी कविताएं हैं। इस विस्तार में उनसे
शंकरानंद समकालीन हिन्दी कविता के सम्मानित और सुपरिचित रहवासी हैं। उनकी ये कविताएं समाज और राजनीति में इधर बहुप्रसारित ‘सूची’बद्ध प्रकाश
डोगरी के कवि ध्यान सिंह की पंक्ति कोंपलें नहीं फूट रहीं , महज कविता की नहीं, सामाजिक जीवन और उसकी दशा-दिशा
गूगल इमेज से साभार उम्र में तीस के बाद वह एक अरसे से सोच रहा है, उम्र में
अनुष्का पाण्डेय की कविताएँ सीधे-सरल संसार के उतने ही सरल प्रश्नों से निकलती-उलझती कविताएं लगती हैं, किन्तु यह भी याद दिलाती
जोशना बैनर्जी आडवाणी की कविताएं कई कहे-अनकहे, सुने-अनसुने कथानकों को सिरजती हुई अपनी कहन के लिए एक अलग तरह का शिल्प
ऋतु डिमरी नौटियाल की कविताएं आज के मनुष्य-जीवन और जीवन-शैली में घटित हो रहे प्रसंगों और प्रश्नों को स्पर्श करते हुए
वरिष्ठ कवि मोहन कुमार डहेरिया नब्बे के दशक में प्रकाश में आयी कवि-पीढ़ी के महत्वपूर्ण प्रतिनिधि हैं। इनकी कविताएं समय, राजनीति
वीरेन्द्र दुबे देश के जाने माने बालशिक्षा विशेषज्ञों में हैं। इस क्षेत्र में उनकी उम्र गुज़री है। मध्य प्रदेश से उत्तराखंड