अनुनाद

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तुषारधवल की कविता

तुषार का दूसरा संग्रह : दख़ल प्रकाशन ये शरद की रातें हैं (मित्र कवि शिरीष कुमार मौर्य की इसी शीर्षक की कविता पर चित्र बनाते

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अनिल कार्की की नई कविताएं।

अनिल कार्की विकल, विकट और अंतहीन छटपटाहटों का कवि है। ये मनुष्‍य से आगे एक विचारवान मनुष्‍य होने की छटपटाहटें हैं, जो उसे समय में

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संतोष एलेक्‍स के कविता संग्रह ‘पांव तले की मिट्टी’ पर आशीष कुमार की समीक्षा

  लोकोन्‍मुख आस्‍वाद की कविताएं :पांव तले की मिट्टी  – आशीष कुमार “ कहा जा रहा है कविता खत्‍म हो रही है पर मुझे हर

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विपिन चौधरी की दस कविताएं

विचित्र लेकिन बहुत सुन्‍दर है आज की, अभी की हिंदी कविता का युवा संसार। कितनी तरह की आवाज़ें हैं इसमें, कितने रंग-रूप, कितने चेहरे, अपार

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गौतम राजरिशी की पांच ग़ज़लें

इन ग़ज़लों में नए प्रयोग हैं। सायास हिंदीपन नहीं, बोली-बानी का अहसास ज़रूर है। हिंदी में ग़ज़ल कहना मुश्किल बात है इसीलिए स्‍थापित नाम भी

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माया गोला की तीन कविताएं

1. दुनिया के सारे धर्मग्रंथ कर दिए जाएं तहख़ानों के हवाले (भले ही कुछ समय के लिए) और पढ़े जाएं सिर्फ़ प्रेमग्रंथ…….. अवतारों के रूप

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हरेप्रकाश उपाध्‍याय की सात कविताएं

हरेप्रकाश उपाध्‍याय की कविताओं का इंतज़ार, अनुनाद के लिए बहुत पुराना इंतज़ार था। अब जाके पूरा हुआ। कठिन प्रखर प्रतिभा, सख्‍़त बोली, अक्‍खड़-फक्‍कड़ व्‍यवहार के

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संगीत और जीवन का तारतम्य : वंदना शुक्‍ल की कविताएं

सुपरिचित कथाकार-कवि वंदना शुक्‍ल इस बार अनुनाद के लिए संगीत का अनुपम उपहार लायीं तो लगा किसी अमर प्रतीक्षा का सुफल मिला। कविता के कार्यकर्ता

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