अली अहमद सईद असबार – चयन, अनुवाद और प्रस्तुति: यादवेन्द्र
अपने तखल्लुस अडुनिस (मूल नाम: अली अहमद सईद असबार) से पूरी दुनिया में जाने जाते कवि आधुनिक अरबी कविता के शिखर पुरुष माने जाते हैं
अपने तखल्लुस अडुनिस (मूल नाम: अली अहमद सईद असबार) से पूरी दुनिया में जाने जाते कवि आधुनिक अरबी कविता के शिखर पुरुष माने जाते हैं
तैयार हो जाओ,जो सामने दिख रहा है वो इतिहास है 63 वर्षीय कासिम हद्दाद बहरीन के विद्रोही जनकवि माने जाते हैं.स्कूल की औपचारिक शिक्षा भी
– प्रतिभा कटियार मिस्र, यमन, बहरीन की सुर्खियां घेरे हुए थीं. सड़कों पर लोगों का हुजूम. महापरिवर्तन का दौर. जनान्दोलन से बड़ी रूमानियत कोई नहीं होती. मैं उसी रूमानियत
मैं एक शब्द लिखता हूं मैं एक शब्द लिखता हूं ऐन उसके पहले वे तय कर देते हैं उसका अर्थ कई बात तो मेरे सोचने
धराशायी होने तक का इन्तजार मैं जोर जोर से चिल्ला रही हूँ पर कोई नहीं है जो सुने मेरी बात मैं नाच रही हूँ निर्वस्त्र
बेआवाज़ पत्तियों के झरने की आवाज़ की आवाज़ होती है हवा धीमी आवाज़ के साथ बहती है चूजे अण्डों से निकलकर मचाते हैं शोर फूलों
1929 में एक पुलिसकर्मी के घर में जन्मे अहमद फोएद नेगम मिस्र के अत्यंत लोकप्रिय विद्रोही जनकवि हैं जिनके जीवन का बड़ा हिस्सा एक के
यूरोप की सबसे प्राचीन भाषा मानी जाने वाली बास्क भाषा अन्य इंडो यूरोपियन भाषाओँ से बिलकुल अलग है इस लिए एक वैज्ञानिक मत ये है
चयन, अनुवाद और प्रस्तुति – यादवेन्द्र यदि मैं ईश्वर होती तो एक रात फरिश्तों को बुलाती और हुक्म देती कि गोल सूरज को लुढका कर
हिसाब ब्लेड से पेंसिल छीलते में एक पूर्ण विराम भर कट सकती है उंगली लेकिन अश्लील होता बिल्कुल सफ़ेद काग़ज़ पर गिरना अनुस्वार भर भी