आलोचना / समीक्षा

गहन निराशा भी ताकतवर होती है – कुमार अम्बुज के संग्रह ‘उपशीर्षक’ पर दयाशंकर शरण
गहन निराशा भी ताकतवर होती है
क्रूर कहानियों के भयावह शहर में – अमित श्रीवास्तव
अमित हिन्दी के उन दुर्लभ युवा कवियों में है, जो सिर्फ़ कविता करने का हठ नहीं ठाने रहते, बल्कि उसे समृद्ध
थक जाते थे हम कलियाँ चुनते – प्रचण्ड प्रवीर (बाल साहित्य/कविता पर आलेख)
इक्कीसवीं सदी के आरम्भ में हिन्दी में जिन महत्वपूर्ण कथाकारों की आमद हुई है, प्रचण्ड प्रवीर उनमें बेहद ख़ास और अलग
सभी जाएँगे मुझको भूल : विष्णु खरे की कविता पर विशाल श्रीवास्तव का लेख
विष्णु खरे हिन्दी कविता के इलाक़े में हुई बहुत बड़ी हलचल का नाम है। कितनी ही उथलपुथल उनके नाम दर्ज़ हैं।
भैया जी, यह देश बहुत बड़ा है – कमल जीत चौधरी
कमल जीत चौधरी चर्चित युवा कवि हैं। अनुनाद को दोबारा सक्रिय करते हुए मैंने उनसे हिन्दी कविता में इधर चल रही
साहित्य ज़माने भर से किया जानेवाला इश्क़ है – कुमार अम्बुज
साहित्य में संगठनों की प्रासंगिकता पर बहस लगातार बढ़ी है। वैचारिक प्रतिरोध और विमर्श के लिए व्यक्तिकेंद्रित गैरवैचारिक समूहों के बरअक्स
ताकता हुआ मैं दिशाकाश : कविता का युवा मौसम – सिद्धेश्वर सिंह
वरिष्ठ कथाकार – सम्पादक ज्ञानरंजन ने कई वर्ष पूर्व अपने एक पत्र में किसी संकोची व्यक्ति के लिए कहा था कि
छंद की समकालीनता या तो यमाताराजभानसलगाः 1 – संदीप तिवारी
संदीप तिवारी हिन्दी के सुपरिचित युवा कवि हैं। उन्हें वर्ष 2019 में कविता के लिए रविशंकर उपाध्याय स्मृति पुरस्कार मिला है।
सबको अपना अपना भारत खोजना पड़ता है : हिन्दनामा पर अभिनव निरंजन
कविता-संग्रह: हिन्दनामा लेखक: कृष्ण कल्पित प्रकाशक: राजकमल, 2019 …………………………………. कुफ़्रो-इमां का फ़र्क मिटाने आया हूँ मैं जाम-बकफ़ तौबा करने आया हूँ