अनुनाद

अनुनाद

कविता

जैसे नींद सुनती है सपनों को जैसे एकांत सुनता है अकेलापन/ऋतु डिमरी नौटियाल  की कविताएं 

    सिर्फ़ एक शब्‍द नहीं, कोई शब्‍द      आसमान में जब आते हैं बादल  कोरे कागज में जैसे आ जाता है शब्द 

Read More...

अभी फिलहाल वे पर्वतीय जीवन की दुश्वारियों पर बात कर रहे हैं / भूपेन्‍द्र बिष्ट की कविताएं

   राज़ हो कितना गहरा    प्रेम में प्रतीक्षा से पाला पड़ता रहता है प्रेम के साथ एक प्रकाश भी नत्थी होता है

Read More...

हिन्‍दवी ‘कैंपस कविता’

  रेख्‍़ता फाउन्‍डेशन हिन्‍दवी और महादेवी वर्मा सृजन पीठ, कुमाऊँ विश्‍वविद्यालय नैनीताल के सहयोग से आयोजित कैंपस कविता कार्यक्रम (06 जून

Read More...
error: Content is protected !!
Scroll to Top