प्रेमचंद गांधी की प्रेम कविताएं
प्रेमचंद गांधी जयपुर में 26 मार्च, 1967 को जन्मे सुपरिचित कवि प्रेमचंद गांधी का एक कविता संग्रह ‘इस सिंफनी में’ और
प्रेमचंद गांधी जयपुर में 26 मार्च, 1967 को जन्मे सुपरिचित कवि प्रेमचंद गांधी का एक कविता संग्रह ‘इस सिंफनी में’ और
मैं ब्लागपत्रिकाओं में लगातार रामजी तिवारी की कविताएं पढ़ता रहा हूं। उनकी कविताओं में बोली-बानी अलग है…ठेठ देशज संस्कार वाली। उनमें
नरेश चन्द्रकर मेरे प्रिय अग्रज कवि हैं। उनकी आवाज़ इतनी शान्त, गहरी और मद्धम है कि कम ही सुनाई देती है।
अनुनाद पर पिछली दो पोस्ट से प्रेम का एक गुनगुना अहसास-सा बना हुआ है, जो मुझे सुखद लग रहा है…तरह-तरह की
अग्रज और वरिष्ठ कवि विनोद कुमार शुक्ल के प्यारे-से नए कविता संग्रह ‘कभी के बाद अभी’ का शीर्षक बहुत आभार और
विचित्र लेकिन बहुत सुन्दर है आज की, अभी की हिंदी कविता का युवा संसार….कितनी तरह की आवाज़ें हैं इसमें….कितने रंग-रूप…कितने चेहरे…अपार
मेरी इस पोस्ट का मक़सद बस इतना है कि इधर लिखी हुई कविताएं सब एक जगह हो जाएं और कभी वक़्ते-ज़रूरत
ये हमारे समय के दो महत्वपूर्ण युवा कवि और उनकी कविताएं हैं। कवियों ने इन्हें अलग-अलग समयों, स्थानों और तनाव में
मैं ब्लागिंग की अपनी शुरूआत में काफी सक्रिय रहा…फिर ग़ायब-सा हो गया या कहिए कि होना पड़ा। इस बीच कुछ बहुत सुन्दर
अशोक कुमार पांडेय हिंदी की युवा कविता के कुछ सबसे सधे हुए कवियों में है, जिसके सधे हुए होने में भी