जाति के लिए – पंकज चतुर्वेदी
चुनाव की परम पावन (परम पतित) बेला में पंकज चतुर्वेदी की इस कविता का हाथ लगना सुखद है। हमारी आज की राजनीति मुख्य रूप से
चुनाव की परम पावन (परम पतित) बेला में पंकज चतुर्वेदी की इस कविता का हाथ लगना सुखद है। हमारी आज की राजनीति मुख्य रूप से
अनुवादक के पूर्वकथन के लिए यहाँ क्लिक करें ! अनंत आज आज फिर एक दोस्त के मरने की ख़बर आयी अंततः तो हम सभी को
कवि का परिचय कू सेंग का जन्म सीओल में 1919 में हुआ और वहीं 11 मई 2004 में उनका देहान्त हुआ। उनके शैशवकाल में ही
विजय गौड़ लंबे समय से कविता लिखते आ रहे हैं। उनका संकलन भी अभी कुछ दिन पहले आया है। वे लिखो यहाँ वहाँ नाम से
कू सेंग की कविताओं के सिलसिले को एक बार और तोड़ा जा रहा है। कारण है हमारे समय के बहुत ज़रूरी कवि पंकज चतुर्वेदी की
कवि के परिचय तथा अनुवादक के पूर्वकथन के लिए यहाँ क्लिक करें ! अप्रैल नवजात कलियाँ और नवजात टहनियाँ नवजात पत्तियाँ और नवजात फूल पहाड़
कवि के परिचय तथा अनुवादक के पूर्वकथन के लिए यहाँ क्लिक करें ! पंख जीवन में पहली बार जब मैंने लड़खड़ाते हुए चलना शुरू किया
कवि के परिचय तथा अनुवादक के पूर्वकथन के लिए यहाँ क्लिक करें ! ऐसे या वैसे किसी अपार्टमेंट में रहना कंक्रीट के जंगल के बीचों-बीच
कवि के परिचय और अनुवादक के पूर्वकथन के लिए यहाँ क्लिक करें ! एक कल्पना मैं यहाँ हूँ बैठा हुआ अमिताभ हर्मिटेज़ के लकड़ी के
बूढ़े बच्चे (कविता से कुछ हटकर) अपनी पिछली कविता में मैंने सपने में कोरिया का सी0आई0ए0 प्रमुख बन बैठने का जो बखान किया था उसे