हिन्दी सीझ रही है मनुज की आत्मा में – मंजुला बिष्ट की कविताऍं
कवि ने कहा मेरे लिए लिखने की तलब क्या है..इस प्रश्न को मैं ख़ुद से करती रहती हूँ।आख़िर क्या जरूरत
कवि ने कहा मेरे लिए लिखने की तलब क्या है..इस प्रश्न को मैं ख़ुद से करती रहती हूँ।आख़िर क्या जरूरत
संदीप नौजवान कवियों में उम्मीद से भरा एक नाम हैं। उन्हें पिछले वर्ष युवा कविता के लिए रविशंकर उपाध्याय स्मृति पुरस्कार
कविता मेरे लिए जीवन को बेहतर बनाने का जरिया है। मुझे कविता ने बदला है। इस हद तक बदला है कि
कुशाग्र अद्वैत बाईस बरस के नौजवान हैं, जिनके पास कुछ विशिष्ट जीवनानुभव हैं, जैसे हर नौउम्र इंसान के पास होते हैं।
कवि का कथन मेरी समझ में कविता घर और समाज में एक मनुष्य को दूसरे मनुष्य की संवेदनाओं से जोड़ने वाली
जितेन्द्र श्रीवास्तव चर्चित कवि हैं। उनकी कुछ प्रेम कविताऍं अनुनाद को मिली हैं। पुरानी बयाज़ से निकाल कर सत्ताईस बरस बाद
कवि का कथन कविता मेरे लिए जीवन को समझने का माध्यम है। हर व्यक्ति जीवन को किसी न किसी तरह
अमिताभ चौधरी की कविताऍं कवि प्रशांत विप्लवी ने अपनी एक टिप्पणी के साथ उपलब्ध करायी हैं। इस सहयोग के लिए अनुनाद
कुछ दिन पहले ओम निश्चल के एक आलेख में जोशना बैनर्जी आडवाणी का उल्लेख मैंने देखा, फिर फेसबुक पर उनकी कविताऍं
गौरांशी चमोली की कविताऍं मैंने फेसबुक के एक पेज पर हुए लाइव में सुनीं। जीवन और समाज की बुनियाद समझ से