ये दु:ख की नदियॉं हैं क्योंकि किसानों की नदियॉं हैं – कुमार मंगलम की कविताऍं
युवा कवि कुमार मंगलम की कुछ कविताऍं अनुनाद को मिली हैं।ये कविताऍं नदियों के बारे में हैं, जैसे भाषा की नदी
युवा कवि कुमार मंगलम की कुछ कविताऍं अनुनाद को मिली हैं।ये कविताऍं नदियों के बारे में हैं, जैसे भाषा की नदी
ज्योति शोभा की कविताऍं अनुनाद को मिली हैं। इससे पहले उनकी कविताऍं समालोचन, सौतुक और प्रभात ख़बर में देखी गई हैं।
अनुनाद ने अजंता देव से कविताओं के लिए अनुरोध किया था और हमें उनकी चार शीर्षकविहीन कविताऍं मिली हैं। यहॉं कुछ
जीवन के रंगमंच में बहुत बड़ा एक नेपथ्य होता है। जैसे हर चीज़ जीवन से कविता में आती है, यह नेपथ्य
अच्छे नागरिक *** सुबह उठते हैं अख़बार पढ़ते हैं अफसोस जताते हैं शुक्र मनाते हैं ख़बर में खुद के न होने
यह पहाड़ पर बुझी हुई लालटेन की तरह टंगी एक जगह है, जो राज्य स्थापना के बाद से ही बाट जोह
कविता में जब नई आवाज़ें शामिल होती हैं तो यह उन आवाज़ाें के औपचारिक स्वागत से ज़्यादा कविता के मौजूदा स्वरूप
बहुत दिनों बाद अनुनाद पर एक साथ इतनी कविताएं लग रही हैं। यह उपहार हमें मिला है हमारे समय के महत्वपूर्ण
टॉड मार्शल की कविता कोर्ट …….. वादी के साथ लम्बे रिश्ते का संज्ञान लेती है और पूरी नेकनीयती के साथ
हर मनुष्य के जीवन में कोई एक शहर-क़स्बा-गांव सूर्य या फिर दीपक की तरह होता है, वह छूट जाता है पर