अनुनाद

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‘मदर इंडिया’ और ‘हम मांस के थरथराते झंडे हैं’

ये हमारे समय के दो महत्‍वपूर्ण युवा कवि और उनकी कविताएं हैं। कवियों ने इन्‍हें अलग-अलग समयों, स्‍थानों और तनाव में सम्‍भव किया है। गीत

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अरुण देव की कविताएँ

मैं ब्‍लागिंग की अपनी शुरूआत में काफी सक्रिय  रहा…फिर  ग़ायब-सा हो गया या कहिए कि होना पड़ा। इस बीच कुछ बहुत सुन्‍दर और सार्थक कर दिखाने

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हर चूल्‍हे में आग रहे और आग लगे बन्‍दूकों को – अशोक कुमार पांडेय की कविता

अशोक कुमार पांडेय हिंदी की युवा कविता के कुछ सबसे सधे हुए कवियों में है, जिसके सधे हुए होने में भी कुछेक दिलचस्‍प पेंच हैं।

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बिक्रम के पद – मृत्‍युंजय

बिक्रम के ये पद मृत्‍युंजय के मुख से प्रकट हुए हैं। मृत्‍युंजय वामदिशा वाले सक्रिय साहित्‍यकर्मी हैं। कविताएं लिखते हैं, आलोचक हैं और जनवादी कविता

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तितलियों की बग़ावत : पावेल फ्रीडमैन – अनुवाद एवं प्रस्‍तुति : यादवेन्‍द्र

आमतौर पर रोजमर्रा के व्यवहार में तितलियों  को आसानी से पहुँच बना सकने वाली मनमौजी स्त्रियों के तौर पर लिया जाता है इसीलिए भारत और दुनिया

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बहनें – असद ज़ैदी

असद ज़ैदी आज के दिन हमारे प्रिय अग्रज कवि असद ज़ैदी की यह कविता अनुनाद के पाठकों के लिए…साथ ही परिकल्‍पना प्रकाशन को शुक्रिया, जहां

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