नवल अल सादवी : अनुवाद एवं प्रस्तुति – सुबोध शुक्ल / 2
नवल अल सादवी स्त्री-संतति के प्रति यौन दुराचार सभी बच्चे जो सामान्य और स्वस्थ पैदा होते हैं खुद को सम्पूर्ण मनुष्य
नवल अल सादवी स्त्री-संतति के प्रति यौन दुराचार सभी बच्चे जो सामान्य और स्वस्थ पैदा होते हैं खुद को सम्पूर्ण मनुष्य
(सुबोध शुक्ल हिंदी के तेजस्वी युवा हैं। कुछ समय पहले उनके सम्पादन में पश्चिम के स्त्रीवादी चिंतन पर एक महत्वपूर्ण किताब
महेश चंद्र पुनेठा – आप कविता के केंद्र में मनुष्य भाव को मानते हैं.कविता ही मनुष्य भाव की रक्षा
वर्तमान सन्दर्भ में उत्तर भारतीय तालों का व्यावहारिक स्वरूप: एकअध्ययन श्रीमती ललिता, शोधार्थिनी, संगीत विभाग, कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल डा०रेखा साह, असिस्टेन्ट
महेश चंद्र पुनेठा- मुक्तिबोध के समय बहुत सारे आधुनिकतावादी कवि यह कहते हुए पाए जाते थे कि जनवाद,समाजवाद भीड़ की
(वरिष्ठ आलोचक जीवन सिंह और सुपरिचित कवि महेश पुुनेठा की यह महत्वपूर्ण बातचीत चार खंडों में अनुनाद पर आएगी। अनुनाद इस
कृष्णा सोबती का होना हिंदी कथा जगत की उपलब्धि है। अनुनाद की साथी कवि विपिन चौधरी ने उन पर अपना आत्मीय
क्या शानदार शवयात्रा थी तुम्हारी कि जिसकी तुमने जीते जी कल्पना भी न की होगी। ऐसी कि जिस पर बादशाह और
अचानक कवि मंगलेश डबराल की फेसबुक वॉल पर यह निबन्ध किसी उपहार की तरह मिला। बहुत पहले संगीत की ओर बुज़र्ग
बहुत समय कवि-कथाकार अनिरुद्ध उमट से सम्पर्क हो पाया है। उमट ख़ामोशी से काम करने वाले लेखक हैं। यहां छप रहे